Delhi EV Policy 2.0: महिलाओं कोई-स्कूटर पर ₹30,000 तक सब्सिडी, पेट्रोल-डीजल वाहन इलेक्ट्रिक कराने पर भी मिलेगा फायदा

Delhi EV Policy 2.0: महिलाओं कोई-स्कूटर पर ₹30,000 तक सब्सिडी, पेट्रोल-डीजल वाहन इलेक्ट्रिक कराने पर भी मिलेगा फायदा
December 25, 2025 at 1:05 pm

देश की राजधानी दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार एक नई और व्यापक EV Policy 2.0 लाने की तैयारी कर रही है। इस नीति का मकसद राजधानी में वायु प्रदूषण को कम करना, स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा देना और ईवी इकोसिस्टम को मजबूत करना है। मौजूदा ईवी नीति की अवधि को मार्च 2026 तक या नई नीति लागू होने तक बढ़ा दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, EV Policy 2.0 को सार्वजनिक परामर्श के बाद 2026 की पहली तिमाही में लागू किया जा सकता है।

महिलाओं के लिए बड़ा तोहफा

EV Policy 2.0 के मसौदे में महिलाओं को खास प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिलाओं को इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन खरीदने पर ₹30,000 तक की सब्सिडी दी जा सकती है। वहीं, सामान्य खरीदारों के लिए ई-टू व्हीलर पर ₹21,000 की सब्सिडी का प्रस्ताव रखा गया है। यह योजना अधिकतम 1 लाख इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहनों तक सीमित हो सकती है।

सरकार ने ई-टू व्हीलर को लेकर अपने लक्ष्य को भी बढ़ाने की योजना बनाई है। अब तक जहां 5 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का लक्ष्य था, वहीं नई नीति में इसे बढ़ाकर 12 लाख वाहन करने का प्रस्ताव है।

पेट्रोल-डीजल वाहन को इलेक्ट्रिक बनाने पर सब्सिडी

नई नीति में एक अहम और नई पहल के तहत पेट्रोल और डीजल वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने (रेट्रोफिटिंग) पर भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। प्रस्ताव के अनुसार, ऐसे पहले 1,000 वाहनों को ₹50,000 की सब्सिडी मिल सकती है।
सरकार का मानना है कि रेट्रोफिटिंग की लागत फिलहाल ज्यादा है, इसलिए इसे किफायती बनाने के लिए सब्सिडी और रिसर्च पर निवेश बढ़ाया जाएगा।

इसके अलावा, ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले पुराने दोपहिया, तिपहिया और हल्के व्यावसायिक वाहनों को हटाने के लिए स्क्रैपिंग इंसेंटिव देने का भी प्रस्ताव है, ताकि लोग नए इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के लिए प्रोत्साहित हों।

इलेक्ट्रिक कार खरीदारों के लिए भी राहत

चारपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भी सब्सिडी दोबारा शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि इसके लिए शर्तें तय होंगी।
प्रस्ताव के मुताबिक, ₹25 लाख से कम कीमत वाली निजी इलेक्ट्रिक कारों पर ₹10,000 प्रतिkWh के हिसाब से सब्सिडी मिलेगी, जिसकी अधिकतम सीमा ₹1 लाख प्रति वाहन होगी। यह लाभ शुरुआती 27,000 कारों तक सीमित रह सकता है।

इसके साथ ही EV खरीदने वालों को राहत देने के लिए 5% ब्याज सब वेंशन स्कीम का भी सुझाव है, जिसमें सरकार EV लोन पर ब्याज का एक हिस्सा खुद वहन करेगी।

EV सेक्टर के लिए ₹100 करोड़ का R&D फंड

EV Policy 2.0 में सप्लाई साइड को मजबूत करने पर भी खास जोर दिया गया है। दिल्ली और आसपास EV व उसके पुर्जों का निर्माण करने वाली कंपनियों को वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा।

सरकार R&D फंड को 5 करोड़ से बढ़ाकर ₹100 करोड़ करने की योजना बना रही है, जिससे बैटरी तकनीक, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और नई इलेक्ट्रिक तकनीकों पर रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा।

अंतिम रूप में हो सकते हैं बदलाव

वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, नीति के मसौदे को उच्चस्तरीय बैठकों में रखा गया है और अंतिम अधिसूचना से पहले इसमें कुछ बदलाव संभव हैं। हालांकि, EV Policy 2.0 की दिशा और उद्देश्य लगभग तय माने जा रहे हैं।
कुल मिलाकर, दिल्ली EV Policy 2.0 को राजधानी में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को तेज़ी से अपनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।