देश में इंडिगो (IndiGo) के सिस्टम फेलियर के बाद एयर फेयर पूरी तरह से बेकाबू हो चुके हैं। भारी संकट में फंसे यात्रियों से एयरलाइंस एक-दो नहीं बल्कि 10 गुना तक किराया वसूल रही हैं। हालात ऐसे हैं कि यात्रियों की नौकरी छूट रही है, शादियाँ मिस हो रही हैं, लेकिन न एयरलाइंस इस पर संवेदनशील हैं और न ही डीजीसीए (DGCA) कोई सख्त कदम उठाता दिख रहा है।
इंडिगो के फ्लाइट ऑपरेशन सिस्टम में आई खराबी के कारण तीन दिनों में 2500 से ज्यादा फ्लाइटें रद्द हो चुकी हैं। देशभर के एयरपोर्ट्स पर हजारों यात्री फंसे हैं, लेकिन दूसरी एयरलाइंस उनकी मदद करने की बजाय मौके का फायदा उठाकर टिकट के दाम आसमान पर पहुँचा रही हैं। मौजूदा हालात में यह कहना गलत नहीं होगा कि एयरलाइंस ने सभी नैतिक सीमाएँ तोड़ दी हैं और खुलेआम यात्रियों की जेब काटी जा रही है।
दिल्ली– मुंबई टिकट 7 हजार से पहुंचा 70 हजार
सामान्य दिनों में दिल्ली से मुंबई का हवाई किराया 6–7 हजार रहता है। लेकिन संकट के बीच यही टिकट 70 हजार रुपये तक बिक रहा है।
इसी तरह दिल्ली–पटना की फ्लाइट, जो सामान्यत: 5 हजार में मिल जाती है, आज 47,000 रुपये में मिल रही है।
सबसे हैरानी की बात यह है कि जिस दिन पटना का किराया 47 हजार है, उसी दिन दिल्ली से लंदन की टिकट सिर्फ 25 हजार रुपये में उपलब्ध है।
यात्री सोशल मीडिया पर भड़के हुए हैं और इसे “वैध डकैती” बता रहे हैं।
क्या DGCA के हाथ से निकल चुका एयरफेयर कंट्रोल?
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने DGCA को साफ निर्देश दिए थे कि किसी भी हालत में टिकट किराया अचानक न बढ़ने दिया जाए।
लेकिन एयरलाइंस पर इसका कोई असर नहीं दिखा।
इंडिगो हो या विस्तारा, एयर इंडिया हो या अकासा — सभी कंपनियां मनमाने दाम वसूल रही हैं।
यात्रियों का सवाल है कि DGCA आखिर कर क्या रहा है?
क्या वह सिर्फ दर्शक बनकर इस हाहाकार को देखता रहेगा या एयरलाइंस पर नकेल कसेगा?
देशभर के एयरपोर्ट्स पर हाहाकार, यात्री सोशल मीडिया पर फूट रहे
इंडिगो का सिस्टम चौथे दिन भी ठप है। दिल्ली में रात 12 बजे तक, और मुंबई में शाम 6 बजे तक की सभी फ्लाइटें कैंसिल करनी पड़ीं।
बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे, अहमदाबाद, लखनऊ, कोलकाता और पटना सहित लगभग हर एयरपोर्ट पर अफरातफरी के हालात हैं।
यात्री घंटों लाइन में खड़े हैं, कोई मदद नहीं मिल रही। न एयरलाइन सुन रही है, न DGCA।
एक यात्री ने लिखा—
“IndiGo फेल हुई तो बाकी एयरलाइंस लूटने लगीं। 5 हजार का टिकट 50 हजार में… ये डाका है!”
दूसरा लिखता है—
“इंडिगो की गलती की सजा हम क्यों भुगतें? सभी एयरलाइंस ने मिलकर किराया 8-10 गुना बढ़ा दिया।”