बिहार चुनाव 2025:
बिहार विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर साबित किया कि उनकी चुनावी रणनीति विपक्ष के लिए कितनी भारी पड़ सकती है। इस बार उनका एक बयान—‘अप्पू, पप्पू और टप्पू’—ने पूरा चुनावी माहौल ही बदल दिया और NDA को रिकॉर्ड जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
योगी आदित्यनाथ का जबरदस्त स्ट्राइक रेट — 87% से अधिक
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने बिहार में कुल 31 रैलियां और सभाएं कीं, जिनमें से 27 उम्मीदवार जीत गए। यानी उनका स्ट्राइक रेट 87% से ज्यादा रहा। उनके चुनावी प्रचार ने NDA की जीत को नई दिशा दी और विपक्ष को बैकफुट पर धकेल दिया।
इसके मुकाबले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 22 रैलियां कीं, लेकिन उनमें से केवल 2 सीटें ही जीत पाईं। उनका स्ट्राइक रेट सिर्फ 9% रहा। वहीं, मायावती की बसपा ने पूरे बिहार में 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, लेकिन सिर्फ 1 सीट पर जीत हासिल कर सकी।
‘अप्पू–पप्पू–टप्पू’ बयान ने बदला चुनावी समीकरण
चुनावी अभियान के दौरान योगी आदित्यनाथ ने तेजस्वी यादव, राहुल गांधी और अखिलेश यादव की तुलना ‘अप्पू, पप्पू और टप्पू’ नामक तीन बंदरों से कर दी। यह बयान देखते ही देखते मीडिया की हेडलाइन बन गया और महागठबंधन के मुद्दे ढक गए।
यह विवाद इतना वायरल हुआ कि चुनाव का नैरेटिव बदल गया और NDA को जोरदार फायदा मिला।
जहां योगी–अखिलेश दोनों ने रैलियां कीं, वहां मिश्रित परिणाम
बिहार की तीन सीटें ऐसी थीं, जहां योगी और अखिलेश दोनों ने रैलियां कीं:
अखिलेश यादव भी न दिला सके खेसारी लाल यादव को जीत
अखिलेश यादव ने छपरा में भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव के समर्थन में रैली की, लेकिन वे चुनाव हार गए।
वहीं, सीवान में शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा साहब ने रघुनाथपुर सीट जीतकर सुर्खियां बटोरीं।
BSP का निराशाजनक प्रदर्शन
मायावती ने कैमूर के भभुआ में प्रचार किया, लेकिन बसपा को केवल 1.52% वोट मिले और सिर्फ एक सीट पर जीत मिल सकी।
निष्कर्ष: NDA की जीत में सबसे बड़ा चेहरा बने योगी
कुल मिलाकर, बिहार चुनाव 2025 में योगी आदित्यनाथ ने अपनी लोकप्रियता, आक्रामक भाषणों और चुनावी रणनीति से NDA को बड़ी बढ़त दी।
उनका ‘अप्पू-पप्पू-टप्पू’ बयान इस चुनाव का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।