बुध का कर्क राशि में गोचर 2025: ग्रहों के राजकुमार बुध ने 22 जून की रात 09:17 बजे चन्द्रमा की राशि कर्क में प्रवेश कर लिया है। बुध इस राशि में 70 दिनों तक रहेंगे। 70 दिन कर्क राशि में रहकर बुध 30 अगस्त को सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। इस दौरान बुध 28 जुलाई से 11 अगस्त के बीच वक्री भी होंगे। कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है और ज्योतिष में बुध और चंद्रमा के बीच शत्रुता मानी जाती है, इसलिए बुध का अपने शत्रु की राशि कर्क में गोचर सभी राशियों के लिए मिले जुले परिणाम देगा। बुध ग्रह द्विस्वभाव का ग्रह है जो वाणी, संचार, बुद्धि और ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है। बुध का कर्क राशि में गोचर (Mercury Transit in Cancer) कुछ राशियों के लिए शुभ और कुछ के लिए अशुभ फल देगा। आइये जानते हैं बुध का मिथुन राशि में गोचर का सभी 12 राशियों पर प्रभाव।
मेष राशि के जातकों के लिए तृतीयेश और षष्ठेश बुध का कर्क राशि में गोचर चौथे भाव में होगा। जो माता, भूमि, वाहन का भाव है। चतुर्थ भाव में गोचर करते हुए बुध माता से मधुर संबंध रखेंगे। भूमि और भवन से लाभ के योग बनेंगे।
वृषभ राशि के जातकों के लिए द्वितीयेश और पंचमेश बुध का कर्क राशि में गोचर तीसरे भाव में होगा। जो पराक्रम, छोटे भाई बहिन और इच्छाओं का है। पराक्रम में वृद्धि के साथ साथ इच्छाओं की पूर्ति होगी।
मिथुन राशि के जातकों के लिए लग्नेश और चतुर्थेश बुध का कर्क राशि में गोचर द्वितीय भाव में होगा। जो धन, वाणी, कुटुंब, स्वभाव और खान पान का है। द्वितीय भाव में रहकर बुध वाणी को तेजस्वी बनायेंगे और व्यवसाय में वृद्धि होगी। पैतृक संपत्ति से लाभ के योग बनेंगे।
कर्क राशि के जातकों के लिए द्वादशेष और तृतीयेश बुध का कर्क राशि में गोचर प्रथम (लग्न) भाव में होगा। जो हमारे शरीर, मुख और दादी का भाव है। प्रथम भाव में बुध को दिशा बल मिलने के कारण और मजबूत होकर शुभ फल देंगे। फिजूलखर्ची से बचें।
सिंह राशि के जातकों के लिए द्वितीयेश और एकादशेश बुध का कर्क राशि में गोचर द्वादश भाव में होगा। जो व्यय, भोग, विदेश का भाव है। बुध का द्वादश में गोचर फिजूलखर्ची बढ़वा सकता है। कार्यक्षेत्र में कुछ तनाव बन सकता है।
कन्या राशि के जातकों के लिए लग्नेश और दशमेश बुध का कर्क राशि में गोचर एकादश भाव में होगा। जो लाभ, आय, इच्छापूर्ति का है। एकादश में बुध का गोचर हर मायने में लाभकारी रहेगा। आपकी लंबे समय से चली आ रही इच्छा की पूर्ति का योग बनेगा
तुला राशि के जातकों के लिए नवमेश और द्वादशेष बुध का कर्क राशि में गोचर दशम भाव में होगा। जो कार्यक्षेत्र, राज्य, पिता का भाव है। बुध यहां बैठकर कार्यक्षेत्र में विशेष सफलता के योग बनाएंगे।
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए अष्टमेश एवं एकादशेश बुध का कर्क राशि में गोचर नवम भाव में होगा। जो भाग्य, धर्म, पिता का भाव है। बुध का नवम भाव में गोचर व्यापार और कैरियर में वृद्धि के योग बनाएगा। पिता का भरपूर सहयोग प्राप्त होगा।
धनु राशि के जातकों के लिए सप्तमेश एवं दशमेश बुध का कर्क राशि में गोचर अष्टम भाव में होगा। जो आयु, शोध, अचानक हानि व लाभ का भाव है। अष्टम भाव में बुध व्यापार में अचानक लाभ के योग बनाएंगे। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।
मकर राशि के जातकों के लिए षष्ठेश एवं नवमेश बुध का कर्क राशि में गोचर सप्तम भाव में होगा। जो दांपत्य, साझेदारी, व्यापार का भाव है। यहां बैठकर बुध दांपत्य जीवन में मधुरता लायेंगे। साझेदारी के व्यापार में लाभ मिलेगा।
कुंभ राशि के जातकों के लिए पंचमेश एवं अष्टमेश बुध का कर्क राशि में गोचर छठे भाव में होगा। जो शत्रु, कर्ज, चोट, नौकरी का भाव है। छठे भाव में बुध नौकरी में प्रमोशन के योग बनाएंगे। पत्नी/पति के स्वास्थ्य की चिंता बन सकती है। फिजूल खर्ची से बचें।
मीन राशि के जातकों के लिए चतुर्थेश एवं सप्तमेश बुध का कर्क राशि में गोचर पांचवें भाव में होगा। जो संतान, प्रेम, बुद्धि, प्रतियोगिता का भाव है। संतान के किसी प्रतियोगिता में सफल होने के योग हैं। लेकिन संतान के स्वास्थ्य के प्रति चिंता रह सकती है।
बुध के अशुभ प्रभाव को कम करने और शुभ प्रभाव को और बढ़ाने के लिए –