12 लाख गाड़ियों की दिल्ली में एंट्री बैन, BS-VI से नीचे की कारों पर 18 दिसंबर से रोक

12 लाख गाड़ियों की दिल्ली में एंट्री बैन, BS-VI से नीचे की कारों पर 18 दिसंबर से रोक
December 17, 2025 at 1:26 pm

दिल्ली की खराब होती वायु गुणवत्ता पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने BS-VI से नीचे के सभी गैर-दिल्ली रजिस्ट्रेशन वाहनों की राजधानी में एंट्री पर रोक लगा दी है. यह प्रतिबंध 18 दिसंबर से लागू होगा. इसके तहत अब सिर्फ दिल्ली में रजिस्टर्ड BS-VI वाहन ही राजधानी की सड़कों पर चल सकेंगे।

इस फैसले का सीधा असर गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद से रोजाना दिल्ली आने-जाने वाले लाखों लोगों पर पड़ेगा. आंकड़ों के मुताबिक, इन तीनों शहरों में करीब 12 लाख वाहन ऐसे हैं जो BS-VI उत्सर्जन मानकों पर खरे नहीं उतरते, और अब उन्हें दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।

NCR की रफ्तार पर लगेगा ब्रेक

दिल्ली सरकार का यह आदेश प्रशासनिक स्तर पर भले ही प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में उठाया गया कदम हो, लेकिन एनसीआर के आम नागरिकों के लिए यह परेशानी का कारण बनता दिख रहा है. निजी दफ्तरों में काम करने वाले कर्मचारी, स्कूल जाने वाले बच्चे और मेडिकल जरूरतों के लिए दिल्ली आने वाले लोग इस फैसले से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।

रिपोर्ट के अनुसार,

  • गुरुग्राम में करीब 2 लाख,
  • नोएडा में लगभग 4 लाख,
  • और गाजियाबाद में 5.5 लाखसेज्यादावाहन BS-VI मानकों से नीचे हैं, जिन्हें अब दिल्ली में एंट्री नहीं मिलेगी।


गुरुग्राम में सबसे ज्यादा असर

गुरुग्राम में बड़ी संख्या में मिडिल-क्लास परिवार ऐसे वाहन इस्तेमाल करते हैं जो BS-VI मानकों को पूरा नहीं करते. यहां करीब

  • 1.5 लाख BS-III पेट्रोल कारें,
  • 36 हजार BS-IV डीजल वाहन,
  • 47 हजार से ज्यादा कमर्शियल डीजल वाहन,
  • और लगभग 2,200 बसें इस प्रतिबंध की जद में आ गई हैं.

इससे शहर की लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्ट व्यवस्था पर भी असर पड़ने की आशंका है।

नोएडा और गाजियाबाद की स्थिति भी गंभीर

नोएडा में पंजीकृत करीब 10 लाख वाहनों में से सिर्फ 4.2 लाख वाहन ही BS-VI मानकों को पूरा करते हैं। यहां

  • 1.4 लाख BS-III,
  • और 2.8 लाख BS-IV वाहन अब दिल्ली नहीं जा सकेंगे.

वहीं गाजियाबाद में स्थिति और गंभीर है, जहां 5.5 लाख से ज्यादा वाहन BS-VI श्रेणी से नीचे हैं।

लोगों में नाराजगी

इस फैसले के बाद एनसीआर के लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि सरकार प्रदूषण की मूल वजहों—जैसे धूल, औद्योगिक प्रदूषण और पराली—पर स्थायी समाधान निकालने के बजाय सिर्फ प्रतिबंध लगाने पर ध्यान देती है

दिल्ली और एनसीआर एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और ऐसे में अचानक इस तरह का प्रतिबंध आम लोगों की जिंदगी को मुश्किल बना देगा. वहीं कई लोगों ने इसे सरकार की “शॉर्ट-टर्म पॉलिसी” करार दिया है।