उत्तर प्रदेश में नए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद अब योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि मकर संक्रांति के बाद कभी भी योगी कैबिनेट का विस्तार हो सकता है।
30 दिसंबर को मुख्यमंत्री आवास पर हुई कोर कमेटी की अहम बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार और संगठनात्मक बदलावों को लेकर गहन मंथन किया गया। इस बैठक में नवनियुक्त भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी भी मौजूद रहे। बैठक के बाद पंकज चौधरी के दिल्ली रवाना होने से सियासी अटकलों को और बल मिला है। माना जा रहा है कि दिल्ली हाईकमान से हरी झंडी मिलते ही कैबिनेट विस्तार की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
वर्तमान में योगी सरकार में कुल 54 मंत्री हैं, जबकि संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार मंत्रियों की अधिकतम संख्या 60 हो सकती है। ऐसे में 6 नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना है। इसके साथ ही कई मंत्रियों के विभागों में फेरबदल भी किया जा सकता है।
पश्चिम यूपी से तीन नाम चर्चा में
मंत्रिमंडल में शामिल होने की दौड़ में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से तीन बड़े चेहरों के नाम सामने आ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। वहीं, पश्चिम यूपी के कद्दावर गुर्जर नेता अशोक कटारिया का नाम भी मंत्री पद की रेस में मजबूती से चल रहा है।
विधायक और पदाधिकारी बढ़ा रहे दबाव
पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा इस बार मंत्रिमंडल विस्तार में क्षेत्रीय संतुलन, सामाजिक समीकरण और संगठन में सक्रियता को प्राथमिकता दे सकती है। यही वजह है कि कई विधायक और संगठन के पदाधिकारी लखनऊ से लेकर दिल्ली तक अपनी दावेदारी मजबूत करने में जुट गए हैं।
सूत्रों का कहना है कि यह विस्तार सिर्फ मंत्रियों की संख्या बढ़ाने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सरकार के दूसरे चरण के लक्ष्यों के अनुसार विभागों का पुनर्गठन भी किया जा सकता है।
संगठन में भी बड़े बदलाव के संकेत
मंत्रिमंडल विस्तार के साथ-साथ भाजपा की नई प्रदेश कार्यकारिणी के गठन की भी तैयारी है। माना जा रहा है कि संगठन से कुछ चेहरों को सरकार में शामिल किया जा सकता है, जबकि कुछ मंत्रियों को संगठनात्मक जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। दिल्ली से हरी झंडी मिलते ही एक महीने के भीतर नई प्रदेश कार्यकारिणी के गठन की प्रक्रिया भी पूरी की जा सकती है।