दिल्ली ब्लास्ट केस में जांच एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है। कई दिनों से लापता चल रही लाल रंग की ब्रेजा कार आखिरकार बरामद कर ली गई है। यह कार फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़ी बताई जा रही है और इसे अल–फलाह यूनिवर्सिटी परिसर से खोजा गया।
जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार यह वही ब्रेजा कार है, जिसके बारे में आशंका जताई जा रही थी कि इसमें भारी मात्रा में विस्फोटक छिपाए गए हो सकते हैं। यह कार डॉक्टर टेरर मॉड्यूल में इस्तेमाल की गई चार गाड़ियों में से चौथी गाड़ी थी, जो पुलिस के रडार पर थी।
बरामद लाल ब्रेजा कार के कागजात की जांच में पता चला है कि यह आतंकी डॉक्टर शाहीन के नाम रजिस्टर्ड है। डॉक्टर शाहीन पहले से ही फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल में गिरफ्तार है।
इससे पहले उसकी ही डिजायर कार से AK-47 राइफल और भारी मात्रा में गोला-बारूद मिला था। अब दूसरी कार यानी यह लाल ब्रेजा भी उसी की बतायी जा रही है।
दिल्ली ब्लास्ट की जांच में यह कार बेहद अहम कड़ी बनकर सामने आई है। जांच एजेंसियों को शक था कि टेरर मॉड्यूल की चौथी कार में
संभवतः 300 किलो तक विस्फोटक सामग्री रखी गई होगी।
कार के मिलते ही पूरे मॉड्यूल की गतिविधियों और नेटवर्क को समझने में जांच टीम को बड़ी मदद मिली है।
अब तक की जांच में पता चला है कि मॉड्यूल के पास कुल चार कारें थीं—
इन गाड़ियों का इस्तेमाल दिल्ली-NCR में रेकी, विस्फोटक की सप्लाई और आतंकवादी गतिविधियों की योजना बनाने के लिए किया गया था।
10 नवंबर को दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन गेट नंबर-1 के पास आई-20 कार में ब्लास्ट किया गया था।
आतंकी डॉक्टर उमर ने कार में विस्फोटक रखकर धमाका किया, जिसमें 13 लोगों की मौत और 20 से अधिक लोग घायल हुए।
जांच में साबित हुआ है कि यह पूरा ब्लास्ट फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है।
डॉक्टर उमर, डॉक्टर मुजम्मिल और डॉक्टर शाहीन समेत कई आरोपी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं।