अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव की चर्चाएँ तेज थीं। लेकिन इसी बीच भारत और अमेरिका के बीच 7,995 करोड़ रुपये की एक बड़ी रक्षा डील साइन हुई है, जिसने रिश्तों की नई दिशा दिखा दी है।
रक्षा मंत्रालय ने 2025 से 2030 तक लागू रहने वाले इस समझौते पर लेटर ऑफ ऑफर एंड एक्सेप्टेंस (LOA) के तहत हस्ताक्षर किए हैं। इस डील के बाद अमेरिकी मदद से भारतीय नौसेना के 24 MH-60R सीहॉक रोमियो हेलीकॉप्टरों का रखरखाव और ऑपरेशनल सपोर्ट अब भारत में ही संभव हो सकेगा।
डील से क्या होगा फायदा?
यह समझौता ‘फॉलो-ऑन सपोर्ट’ मॉडल पर आधारित है, जिसके तहत अमेरिका:
सबसे बड़ी सुविधा यह होगी कि अब इन अत्याधुनिक हेलीकॉप्टरों की सर्विसिंग के लिए उन्हें अमेरिका भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे समय और लागत दोनों की बचत होगी।
MH-60R सीहॉक रोमियो हेलीकॉप्टर की खासियतें
लॉकहीड मार्टिन कॉर्पोरेशन द्वारा निर्मित MH-60R दुनिया के सबसे एडवांस नौसैनिक हेलीकॉप्टरों में से एक है। इसे 2020 में भारत को सौंपा गया था।
इसकी प्रमुख खूबियाँ:
इस डील से भारतीय नौसेना की ऑपरेशनल क्षमता में बड़ा सुधार होगा और समुद्री सुरक्षा मजबूत होगी।