प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त रुद्रावतार हनुमान जी को समर्पित यह मंदिर गुजरात प्रांत के जामनगर में रणमल झील के दक्षिण पूर्व में स्थित है। इस मंदिर की स्थापना वर्ष1540 ई. में हुयी थी। इस मंदिर की खासियत केवल इसका अति प्राचीन होना ही नहीं है, बल्कि आज लोग इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस का हिस्सा होने के चलते भी पहिचानते हैं। मान्यतनुसार, वर्ष 1964 ई. में श्री भिक्क्षु जी महाराज ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। निर्माण के 3 साल बाद महाराज जी ने ही श्रीराम धुन के निरंतर जाप की परंपरा प्रारंभ करवाई थी। बिना रुके निरंतर चल रही श्रीराम धुन के कारण ही इस मंदिर का नाम विश्व कीर्तिमान में शामिल किया गया।
करीब 57 साल पहले 1 अगस्त 1967 में, पहले महाराज जी के कहने पर हनुमान भक्तों ने ‘श्री राम जय राम जय जय राम’ मंत्र का जाप 7 दिनों तक लगातार 24 घंटों तक करने का निर्णय लिया। जो बाद में एक अंतहीन परंपरा बन गई और आज तक जारी है। इस राम धुन के जाप में एक और विशेषता है कि इसे गाने वाले सामान्य भक्तजन ही हैं कोई पेशेवर गायक नहीं। अब तो इन गायकों की सूची बना कर एक दिन पहले ही नोटिस बोर्ड पर लगा दी जाती है। विशेष परिस्थितियों के चलते भी कोई विघ्न ना पड़े इसके लिए 4-4 गायकों का नाम अतिरिक्त गायकों की लिस्ट में रखा जाता है। इसके साथ ही मंदिर में कोई भी भक्त स्वयं अपनी मर्जी से भी राम धुन भजन सभा में शामिल हो सकता है। निरंतर धुन की वजह से मंदिर का वातावरण अपार ऊर्जा से भरा महसूस होता है।
श्री बाला हनुमान मंदिर के दर्शन के लिए श्रद्धालु देश के कोने कोने से पहुंचते हैं। इस मंदिर की विशेष बात ये है कि मंदिर में आने वाले भक्तों के अथक प्रयास से करीब आधी सदी बीत जाने के बाद भी राम धुन की लहर को टूटने नहीं दिया है। यहां तक कि 2001 में गुजरात में आये विनाशकारी भूकंप के दौरान भी लोगों ने राम धुन का जाप निरंतर जारी रखा था। इसी राम धुन की निरंतरता के चलते यह मंदिर विश्व कीर्तिमान का हकदार बना।