विश्व विख्यात तबला वादक और पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन का 73 साल की उम्र में निधन, सैन फ्रांसिस्को में चल रहा था इलाज।

विश्व विख्यात तबला वादक और पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन का 73 साल की उम्र में निधन, सैन फ्रांसिस्को में चल रहा था इलाज।

Tabla Maestro Zakir Hussain Dies: तबला वादक जाकिर हुसैन अब हम सबके बीच नहीं रहे। सैन फ्रांसिस्को में इलाज के दौरान उन्होंने आखिरी सांस ली। उनका जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। उस्ताद जाकिर हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था।

मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन को हृदय संबंधी समस्याओं के बाद सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। आज उनके मित्र और बांसुरी वादक राकेश चौरसिया ने यह जानकारी साझा की थी। हरिप्रसाद चौरसिया के पुत्र राकेश चौरसिया ने बताया था कि, ‘वह अस्वस्थ हैं और अभी आईसीयू में भर्ती हैं। हम सभी उनकी स्थिति को लेकर चिंतित हैं।’ लेकिन कुछ ही समय पश्चात जाकिर हुसैन ने अपने प्राण त्याग दिए।

रक्त-चाप की समस्या से ग्रसित थे जाकिर हुसैन

उस्ताद जाकिर हुसैन के एक करीबी सूत्र ने बताया, 73 वर्षीय अमेरिकी संगीतकार को रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) की समस्या थी। उन्होंने कहा, ‘उन्हें पिछले एक सप्ताह से हृदय संबंधी समस्या के कारण सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।’ बता दें कि, उस्ताद जाकिर हुसैन के पिता अल्लाह रक्खा भी मशहूर तबला वादक थे। भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। साल 1999 में उन्हें ‘यूएस नेशनल एंडॉमेंट फॉर द आर्ट्स’ ने नेशनल हेरिटेज फेलोशिप से सम्मानित किया था, इसके बाद उस्ताद जाकिर हुसैन को भारतीय शास्त्रीय संगीत के ग्लोबल एंबेसडर के रूप में मान्यता मिली।

जाकिर हुसैन ने व्हाइट हाउस में दी थी परफॉर्मेंस

तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन पहले भारतीय संगीतकार हैं, जिन्हें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट के लिए व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया था। वहीं उनके करियर के शुरुआत की बात करें तो उन्होंने मात्र 3 साल की उम्र में ही संगीत सीखना शुरू किया था। जबकि 7 साल उम्र में उन्होंने अपना पहला परफॉर्मेंस दिया था।