सूर्य देव को समर्पित यह मंदिर भारत के बिहार प्रांत के भोजपुर जिले के बेलाउर गांव में स्थित है। बेलाउर गांव में स्थित होने की वजह से यह मंदिर ‘बेलाउर सूर्य मंदिर’ नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण 1506 में उस समय के ‘राजा बावन सूबा’ ने करवाया था। राजा सूबा द्वारा बेलाउर गाँव में कुल 52 पोखरा (तालाब) का निर्माण कराए जाने की वजह से वाले राजा सूबा को ‘राजा बावन सूबा’ के नाम से पुकारा जाने लगा।
राजा द्वारा बनवाए 52 पोखरों मे एक पोखर के मध्य में यह सूर्य मन्दिर स्थित है। कालांतर में इस मंदिर को तोड़ दिया गया। फिर साल 2007 में यहां आए मौनी बाबा (करवासीन) निवासी ने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। तब से हर वर्ष यहां पर छठ करने के लिए कई राज्यों से हजारों श्रद्धालु आते हैं।
यहाँ छठ महापर्व के दौरान प्रति वर्ष एक लाख से अधिक श्रद्धालु आते हैं जिनमे उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के श्रद्धालु भी होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि सच्चे मन से इस स्थान पर छठ व्रत करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है तथा कई रोग-व्याधियाँ से भी मुक्ति मिलती है।
सूर्य मंदिर विकास समिति ट्रस्ट के मीडिया प्रभारी के अनुसार, इस तालाब में छठ करने का अपना खास महत्व है। यहां लोग दूर-दूर से छठ करने आते हैं और मन्नत मांगते हैं। वहीं, मन्नत पूरी हो जाने पर श्रद्धालु फिर से मंदिर में आकर छठ करते हैं। यह परंपरा दशकों से चली आ रही है