जस्टिस यशवंत वर्मा के घर मिला नोटों का भंडार, सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज किया स्थानांतरण, प्रयागराज HCBA ने जताई नाराज़गी; अब दिल्ली फायर विभाग बयान से पलटा।

जस्टिस यशवंत वर्मा के घर मिला नोटों का भंडार, सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज किया स्थानांतरण, प्रयागराज HCBA ने जताई नाराज़गी; अब दिल्ली फायर विभाग बयान से पलटा।
March 21, 2025 at 4:49 pm

Cash Found In Delhi HC Judge’s Home: सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ एक रिपोर्ट आने के बाद उन्हें उनके मूल उच्च न्यायालय इलाहाबाद में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। बतादें, न्यायमूर्ति वर्मा ने अक्तूबर 2021 में दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले हफ्ते होली की छुट्टियों के दौरान जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी बंगले में बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी मिली। यह धनराशि उस समय मिली जब इमारत में आग लग गई और न्यायाधीश के परिवार के सदस्यों ने, जो उस समय शहर में नहीं थे, आपातकालीन सेवाओं को फोन किया। उन्होंने फिर पुलिस को बुलाया।

2016 में स्थायी न्यायाधीश के रूप में ली शपथ

न्यायाधीश यशवंत वर्मा (Yashvant Varma) 1992 में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए थे। उन्हें 13 अक्टूबर 2014 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और उन्होंने 1 फरवरी 2016 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। जस्टिस वर्मा 2006 से अपनी पदोन्नति तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय के विशेष अधिवक्ता भी रहे, इसके अलावा 2012 से अगस्त 2013 तक उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता भी रहे। जस्टिस यशवंत वर्मा का जन्म 6 जनवरी 1969 को इलाहाबाद में हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से बी.कॉम (ऑनर्स) किया और फिर मध्य प्रदेश के रीवा विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जताया कड़ा विरोध

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (HCBA) ने दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का स्थानांतरण इलाहाबाद हाईकोर्ट किए जाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। बार एसोसिएशन ने पत्र जारी कर कहा है कि हम कूड़ा घर नहीं हैं। बार ने कहा कि समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला है कि दिल्ली में न्यायमूर्ति के घर में लगी आग को बुझाने के दौरान लगभग 15 करोड़ रुपए मिले हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति का स्थानांतरण इलाहाबाद हाईकोर्ट कर दिया है। हाईकोर्ट बार ने पत्र जारी कर इसका कड़ा विरोध किया है। अब यह भी सुनने में आ रहा है कि दिल्ली फायर विभाग किसी भी तरह की नगदी मिलने की खबर को नकार रहा है। अब सच्चाई क्या है यह बात तो जांच के बाद ही पता चलेगी।