रहेलिया सूर्य मंदिर, महोबा, उत्तरप्रदेश

रहेलिया सूर्य मंदिर, महोबा, उत्तरप्रदेश
June 8, 2025 at 5:57 am

रहेलिया सूर्य मंदिर: सूर्य देव को समर्पित यह मंदिर भारत के उत्तरप्रदेश प्रांत के महोबा जिले के रहेलिया गांव में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण चंदेल राजा राहिल देव वर्मन ने 890 से 910 ई के मध्य कराया था। यह मंदिर नागर शैली में बनाया गया है। सीमेंट और गारा का प्रयोग के बिना ही मंदिर का निर्माण कराया गया है। सूर्य मंदिर से कुछ दूरी पर सूर्य कुंड का निर्माण कराया गया था। बताया जाता है कि सूर्य कुंड का पानी कभी नहीं सूखता है। 1203 ई. में मुगल शासक कुतुबुद्दीन ऐबक की नजर यहां के सूर्य मंदिर में पड़ी तब उन्होंने इस धरोहर का नाम निशान मिटाने की ठानी। सूर्य मंदिर में खजाने की लालच में मुगल शासक ने पूरे मंदिर में तोडफ़ोड़ कराई लेकिन ये पूरी तरह से क्षतिग्रस्त नही हो पाया था। अवशेष आज भी रहेलिया सागर किनारे और मंदिर के बगल में फैले है।

बुन्देलखंड का महोबा एतिहासिक धरोहरों के लिए जाना जाता है। ये कभी हमीरपुर जिले की एक तहसील हुआ करती थी लेकिन वर्ष 1995 में तत्कालीन उत्तरप्रदेश सरकार ने महोबा को पृथक जिला बना दिया था। जिला बनने के बाद महोबा क्षेत्र का तेजी से विकास हुआ। पिछले तीन दशक पूर्व पिछड़े महोबा की तस्वीर ही बदल गई है। बुंदेलखंड में कई ऐतिहासिक और धार्मिक विरासतें मौजूद हैं। सदियों पुराने कई मंदिर आज भी अपनी छाप छोड़े हुए हैं। ऐसे ही एक ऐतिहासिक विरासत सूर्य मंदिर मुख्यालय से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर रहेलिया गांव में स्थित है।

रहेलिया सूर्य मंदिर को विश्व के मानचित्र पर लाए जाने की मांग फिर से शुरू हो गई है। बिना सरिया और सीमेंट से बना यह मंदिर कोर्णाक के सूर्य मंदिर से भी बहुत पुराना बताया जाता है जिसे क्रूर कुतुबुद्दीन ऐबक भी तहस-नहस नहीं करा पाए थे। ग्रेनाइट पत्थरों से ही बना यह मंदिर हजारों साल बीतने के बाद भी ये मजबूती से आज भी खड़ा है। बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने बताया कि वह सूर्य मंदिर को विश्व धरोहर की सूची में शामिल करने के लिए लगातार मांग कर रहे हैं प्रशासन से अपील की जा रही है कि यूनेस्को (UNESCO) प्रस्ताव भेजकर सूर्य मंदिर को विश्व धरोहर की सूची में शामिल कराया जाए।