31 मई को शुक्र ने मंगल की राशि मेष में किया प्रवेश, 3 राशियों के लिए बहुत उत्तम, कुछ के लिए मध्यम और कुछ लिए अशुभ; जानें सभी 12 राशियों पर शुभ अशुभ प्रभाव।

31 मई को शुक्र ने मंगल की राशि मेष में किया प्रवेश, 3 राशियों के लिए बहुत उत्तम, कुछ के लिए मध्यम और कुछ लिए अशुभ; जानें सभी 12 राशियों पर शुभ अशुभ प्रभाव।
June 1, 2025 at 2:52 pm

शुक्र का मेष राशि में गोचर 2025: दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य ने 31 मई 2025 को सुबह 11:17 बजे अपनी उच्च राशि मीन से निकलकर मेष राशि में प्रवेश कर लिया है। जहां शुक्र अगले 23 दिनों तक भ्रमण करेंगे। प्रेम, भौतिक सुख, कला एवं रचनात्मकता के कारक शुक्र का यह 23 दिनों का मेष राशि में गोचर (Venus Transit in Aries) सभी राशियों के जीवन में कुछ न कुछ परिवर्तन लेकर आएगा। आज हम आपको बताएंगे कि 12 राशियों में किन राशियों के लिए शुक्र का मेष राशि में गोचर शुभ रहेगा और किसके लिए अशुभ।

मेष राशि के जातकों पर शुक्र का मेष राशि में गोचर का प्रभाव

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र का मेष राशि में गोचर प्रथम(लग्न) भाव में होगा। लग्न में बैठकर शुक्र 7वीं दृष्टि से सप्तम भाव को देखेगा। जिससे दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़ेगा। व्यापार में वृद्धि के योग बनेंगे। लेकिन व्ययेश के लग्न में होने की वजह से खर्चों पर नियंत्रण रखें।

वृषभ राशि के जातकों पर शुक्र का मेष राशि में गोचर का प्रभाव

वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र का मेष राशि में गोचर द्वादश भाव में होगा। शुक्र का बारहवें भाव में गोचर सुख के संसाधन एवं विदेश यात्रा में व्यय करा सकता है। आयात निर्यात के काम में सफलता मिलेगी। इलाज में पैसा खर्च हो सकता है।

मिथुन राशि के जातकों पर शुक्र का मेष राशि में गोचर का प्रभाव

मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र का मेष राशि में गोचर एकादश भाव में होगा। शुक्र का ग्यारहवें भाव में गोचर हर ओर से लाभ के योग बनायेगा। आय के अन्य श्रोत भी विकसित होंगे। पुराने निवेश से भी लाभ मिलने के योग बनेंगे। कोई इच्छापूर्ति भी संभव है।

कर्क राशि के जातकों पर शुक्र का मेष राशि में गोचर का प्रभाव

कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र का मेष राशि में गोचर दशम भाव में होगा। शुक्र का दशवें भाव में गोचर कार्यक्षेत्र में व्यस्तता को बढ़ायेगा। कड़े संघर्ष के बाद सफलता के योग बनेंगे।

सिंह राशि के जातकों पर शुक्र का मेष राशि में गोचर का प्रभाव

सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र का मेष राशि में गोचर नवम भाव में होगा। शुक्र का नवम भाव में गोचर पिता के स्वास्थ्य में वृद्धि करेगा। माता से भरपूर सहयोग मिलने के योग बनेंगे। भाग्य का सहयोग मिलेगा।

कन्या राशि के जातकों पर शुक्र का मेष राशि में गोचर का प्रभाव

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र का मीन राशि में गोचर अष्टम भाव में होगा। शुक्र का आठवें भाव में गोचर धन संग्रह में तो वृद्धि करेगा लेकिन स्वास्थ्य हानि के योग बनायेगा।

तुला राशि के जातकों पर शुक्र का मेष राशि में गोचर का प्रभाव

तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र का मेष राशि में गोचर सप्तम भाव में होगा। शुक्र का सप्तम भाव में गोचर दांपत्य जीवन में मधुरता और व्यापार वृद्धि के योग बनायेगा। फिल्म, मीडिया जैसे क्षेत्रों में कार्यरत लोगों को अच्छे परिणाम मिलेंगे।

वृश्चिक राशि के जातकों पर शुक्र का मेष राशि में गोचर का प्रभाव

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र का मेष राशि में गोचर छठे स्थान पर होगा। शुक्र का छठे भाव में गोचर मध्यम फल ही देगा। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। जीवनसाथी के इलाज में धन खर्च होने के योग हैं।

धनु राशि के जातकों पर शुक्र का मेष राशि में गोचर का प्रभाव

धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र का मेष राशि में गोचर पंचम स्थान पर होगा। शुक्र का पंचम भाव में गोचर प्रेम में वृद्धि करेगा। कला एवं संगीत के प्रति रूचि को बढ़ायेगा। आय वृद्धि के योग बनेंगे।

मकर राशि के जातकों पर शुक्र का मेष राशि में गोचर का प्रभाव

मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र का मेष राशि में गोचर चतुर्थ भाव पर होगा। शुक्र का चतुर्थ भाव में गोचर उत्तम फल देगा। परिवार में सामंजस्य अच्छा रहेगा। व्यापार में लाभ के योग बनेंगे।

कुंभ राशि के जातकों पर शुक्र का मेष राशि में गोचर का प्रभाव

कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र का मेष राशि में गोचर तीसरे भाव में होगा। शुक्र का तीसरे भाव में गोचर पराक्रम में वृद्धि करायेगा। छोटे भाई बहिनों से संबंध अच्छे रहेंगे।

मीन राशि के जातकों पर शुक्र का मेष राशि में गोचर का प्रभाव

मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र का मेष राशि में गोचर दूसरे भाव में होगा। शुक्र का दूसरे भाव में गोचर भाग्य से धन प्राप्ति के योग बनायेगा। पैतृक संपत्ति हासिल करने में सफलता मिल सकती है।

शुक्र को शुभ बनाने के उपाय

शुक्र के अशुभ प्रभाव की तीव्रता को कम करने के लिए –

  1. महिलाओं का सम्मान करें,
  2. पत्नी को उपहार दें,
  3. छोटी कन्याओं को खीर खिलाकर भेंट दें,
  4. चावल व चीनी ज़रूरतमंद को दान करें
  5. शुक्र के बीज मंत्र का जाप करें।