भारत के डी गुकेश ने विश्व के नंबर-1 शतरंज खिलाड़ी को दी मात, हार से बौखलाए कार्लसन ने घूंसा मारकर सारी मोहरें बिखेरीं, फिर दो बार मांगी माफी।

भारत के डी गुकेश ने विश्व के नंबर-1 शतरंज खिलाड़ी को दी मात, हार से बौखलाए कार्लसन ने घूंसा मारकर सारी मोहरें बिखेरीं, फिर दो बार मांगी माफी।
June 3, 2025 at 11:06 am

D Gukesh Defeated World No-1 Carlsen: विश्व चैंपियन डी गुकेश ने नॉर्वे चेस टूर्नामेंट के छठे राउंड में विश्व नंबर 1 मैग्नस कार्लसन को हरा दिया। कार्लसन को एक गलत चाल महंगी पड़ गई। कार्लसन ने यह गलती 39वीं चाल में उस समय की जब वह जीतने के बहुत करीब थे। भारतीय ग्रैंडमास्टर प्रवीण थिप्से ने कार्लसन को ऐसी गलती करते पहले कभी नहीं देखा।

ग्रैंडमास्टर थिप्से ने कहा, “मैं खुद हैरान हूं कि काले मोहरों से लगभग जीती हुई बाजी के बावजूद कार्लसन ने अपने बादशाह को आगे निकाला, जिससे गुकेश के दोनों हाथी खुलकर सामने आ गए। उन्हें बादशाह को आगे निकालने की बजाय अपने बिशप (ऊंट) को पीछे लेकर जाना चाहिए था।”

ग्रैंडमास्टर थिप्से ने आगे कहा, “अगर कार्लसन ऐसा करते तो कुछ चालों बाद जीत जाते। उनकी निराशा बताती है कि उन्होंने कितनी बड़ी गलती की, जिससे उन्हें पहली बार गुकेश के हाथों हारना पड़ा।” थिप्से ने यह भी कहा, “दोनों ही खिलाडि़यों ने टुकड़ों में शानदार शतरंज खेली। कुछ अवसरों पर दोनों ने ही सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाया तो कुछ ऐसी त्रुटियां कीं, जिसकी दोनों से उम्मीद नहीं की जा सकती। गुकेश की जुझारू क्षमता ने उनकी जीत में अहम भूमिका निभाई।”

गुकेश ने चौंकाते हुए कार्लसन से लिया बदला

डी गुकेश ने मैग्नस कार्लसन (Magnus Carlsen) को चौंकाते हुए क्लासिकल शतरंज में उन पर पहली जीत दर्ज की है। सफेद मोहरों के साथ खेल रहे कार्लसन ने ज्यादातर समय मैच में इसका फायदा उठाते हुए लगातार दबाव बनाया, लेकिन गुकेश ने आवश्यकता पड़ने पर सावधानी पूर्वक खेलते हुए कार्लसन पर अटैक किया। इसी बीच कार्लसन पर समय से चाल चलने का दबाव बनता गया, इस बढ़ते दवाब के कारण कार्लसन से गलतियां हुईं और इन्हीं गलतियों से गुकेश ने फायदा उठाते हुए जबरदस्त वापसी की।

मैच जीतने के बाद गुकेश ने कहा, “मैं बहुत कुछ नहीं कर सकता था। मुझे बस इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना था। मैंने ऐसी चालें चलीं जो सौभाग्य से सही साबित हुईं। इस टूर्नामेंट से मैंने एक बात सीखी है कि अगर आप समय से चाल चलते हैं तो अपने विरोधी पर दबाव बना सकते है जो उसे गलती करने पर मजबूर कर सकता है। टूर्नामेंट के पहले दौर में हुई दोनों के बीच भिड़ंत में कार्लसन ने बाजी मारी थी लेकिन इस दूसरी भिड़ंत में गुकेश ने बाजी मारकर बदला लेते हुए अपना हिसाब चुकता कर लिया।