खरमास 2025: 16 दिसंबर से शुरू, जानिए क्या करें और क्या न करें? ज्योतिषाचार्य ने बताए नियम और उपाय

खरमास 2025: 16 दिसंबर से शुरू, जानिए क्या करें और क्या न करें? ज्योतिषाचार्य ने बताए नियम और उपाय
December 14, 2025 at 4:52 pm

सनातन धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले ग्रह-नक्षत्र और शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। इसी परंपरा के अनुसार खरमास को ऐसा समय माना गया है, जब मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है। पंचांग के मुताबिक इस वर्ष खरमास 16 दिसंबर 2025 से शुरू होकर 15 जनवरी 2026 तक रहेगा, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे।

खरमास की अवधि में विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण जैसे शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं, जबकि पूजा-पाठ, दान-पुण्य और आध्यात्मिक साधना का महत्व कई गुना बढ़ जाता है।

खरमास में क्या करना चाहिए?

खरमास के दौरान दान करना अत्यंत पुण्यदायी होता है। इस समय विशेष रूप से

  • गेहूं और चावल का अन्न दान
  • ऊनी वस्त्र, कंबल
  • गुड़ और तिल का दान
    शीतकाल में शुभ फल प्रदान करता है।

इस महीने में जप-तप, मंत्रजाप, कथा, सत्संग और पूजा-पाठ करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा धार्मिक स्थलों की यात्रा और पवित्र नदियों में स्नान भी खरमास में अत्यंत लाभकारी माना गया है।

खरमास में क्या न करें?

ज्योतिषाचार्य के अनुसार खरमास के दौरान

  • विवाह और सगाई
  • गृह प्रवेश या नया मकान लेना
  • नया व्यवसाय शुरू करना या बड़ा निवेश
  • नामकरण, मुंडन, कर्णवेध जैसे संस्कार
    करने से बचना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार इस अवधि में किए गए मांगलिक कार्यों से भविष्य में तनाव और बाधाएं आ सकती हैं।


खरमास के विशेष उपाय

कुछ विशेष उपाय करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।

  • प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठें
  • उगते सूर्य को तांबे के लोटे में जल और लाल चंदन मिलाकर अर्घ्य दें
  • गायत्री मंत्र और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें

यदि कोई व्यक्ति आर्थिक संकट या कोर्ट-कचहरी के मामलों से जूझ रहा है, तो खरमास में आदित्य हृदय स्तोत्र और सूर्य कथा का पाठ करने से सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।

कब से होंगे शुभ कार्य?

14 जनवरी 2026 के बाद मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो सकेगी, जबकि फरवरी 2026 से शुभ मुहूर्त पूरी तरह लौट आएंगे

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