शक्तिपीठ – श्री नैना देवी मंदिर: मां भगवती का यह शक्तिपीठ भारत के हिमाचलप्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित है। श्री नैना देवी शक्तिपीठ हिमाचल प्रदेश में पूजा के सबसे प्रमुख स्थानों में से एक है और यह देवी सती को समर्पित है, जो देवी दुर्गा का अवतार थीं। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है, जहाँ भगवानविष्णु द्वारा पृथ्वी को शिव के क्रोध से बचाने के लिए सती के शरीर को 51 टुकड़ों में काटने के बाद उनकी आँखें गिरी थीं। यह मंदिर पंजाब हिमाचल सीमा पर स्थित श्री आनंदपुरसाहिब से मात्र 18 किलोमीटर की दूरी पर एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है।
देश के विभिन्न हिस्सों से तीर्थयात्रियों और भक्तों की एक बड़ी भीड़ माँ दुर्गा का आशीर्वाद लेने के लिए इस पवित्र स्थान पर आती है। मंदिर में विशेष रूप से श्रावण अष्टमी और चैत्र और आश्विन के नवरात्रों के दौरान भारी भीड़ होती है। इस मंदिर का निर्माण राजा बीर चंद ने 8वीं शताब्दी में करवाया था, जब उन्हें पहाड़ी की चोटी पर देवी #दुर्गा की सुंदर प्रतिमा मिली थी।
मान्यतानुसार, इस मंदिर में माता का प्राचीन #हवन कुंड दिव्य है। कहते हैं कि हवन की सारी राख (विभूति) हवन कुंड के अंदर ही समा जाती है उसे कुंड से कभी उठाना नहीं पड़ता। दूसरी दिव्य घटना है माता की ज्योतियों का आना। मां ज्वाला देवी माता श्री नैना देवी से मिलने आती है। सबसे पहले ज्योति के दर्शन माता के त्रिशूल पर होते हैं। उसके बाद श्रद्धालुओं के हाथों पर। पीपल के पत्तों पर ज्योतियों के दर्शन होते हैं और यह 15 से 20 मिनट तक चमत्कार देखने को मिलता है।