देशभर में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जा रही विश्वकर्मा पूजा, उद्योगों और कार्य स्थलों पर दिखा खास उत्साह

देशभर में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जा रही विश्वकर्मा पूजा, उद्योगों और कार्य स्थलों पर दिखा खास उत्साह
September 17, 2025 at 11:57 am

आज पूरे भारत में भगवान विश्वकर्मा की पूजा बड़े ही श्रद्धा और धूमधाम के साथ की जा रही है। हर साल 17 सितम्बर को मनाई जाने वाली विश्वकर्मा पूजा को विशेष रूप से कारीगरों, मजदूरों, तकनीशियनों, इंजीनियरों और औद्योगिक संस्थानों में अत्यधिक महत्व दिया जाता है। इस अवसर पर लोग अपने औजारों, मशीनों और कार्यस्थलों की पूजा करते हैं और भगवान विश्वकर्मा से कार्य में सफलता, सुरक्षा और समृद्धि की प्रार्थना करते हैं।

भगवान विश्वकर्मा का महत्व

हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा को देवताओं के दिव्य वास्तुकार और शिल्पकार माना जाता है। कहा जाता है कि उन्होंने न सिर्फ इंद्रपुरी, द्वारका नगरी और हस्तिनापुर का निर्माण किया बल्कि अनेक दिव्य अस्त्र-शस्त्र भी बनाए। ऋग्वेद और पुराणों में उनका उल्लेख मिलता है। उन्हें “देव शिल्पी” और “सृष्टि के प्रथम अभियंता” भी कहा जाता है।

पूजा का महत्व और परंपरा

विश्वकर्मा पूजा का मुख्य उद्देश्य श्रम और कौशल का सम्मान करना है। इस दिन कारीगर, इंजीनियर और मजदूर अपने औजारों और मशीनों को साफ करके फूलों और रंगोली से सजाते हैं। फिर उनकी पूजा की जाती है और प्रसाद चढ़ाया जाता है। फैक्ट्रियों और कार्यस्थलों पर विशेष छुट्टी दी जाती है ताकि कर्मचारी एक साथ मिलकर यह पर्व मना सकें।

  • औजारों की पूजा: लोहे के औजार, इलेक्ट्रिक मशीनें, कंप्यूटर और वाहन तक इस दिन सजाए जाते हैं।
  • कार्यस्थल की सजावट: कई जगह फैक्ट्रियों और दफ्तरों को रोशनी और फूलों से सजाया जाता है।
  • समुदायिक आयोजन: बड़े स्तर पर पंडाल लगाए जाते हैं और प्रसाद वितरण किया जाता है।


देशभर में उत्सव का माहौल

  • पूर्वी भारत: पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड और बिहार में विश्वकर्मा पूजा सबसे बड़े स्तर पर मनाई जाती है। यहाँ घर-घर और कार्यस्थलों पर पूजा-अर्चना के साथ पतंगबाजी का आयोजन भी होता है।
  • उत्तर भारत: दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब के औद्योगिक इलाकों में मंदिरों और कारखानों में विशेष हवन और पूजा कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
  • दक्षिण भारत: तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के कई उद्योगिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर श्रद्धालु भगवान विश्वकर्मा का पूजन कर रहे हैं।
  • उत्तरपूर्व: असम और त्रिपुरा में भी श्रद्धालुओं ने भव्य आयोजन किए हैं।


नेताओं और प्रमुख हस्तियों की शुभकामनाएँ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को विश्वकर्मा पूजा की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि “यह पर्व श्रम, कौशल और नवाचार को सम्मान देने का प्रतीक है। भगवान विश्वकर्मा हमें नई ऊँचाइयों पर ले जाने की प्रेरणा दें।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कई अन्य नेताओं ने भी लोगों को इस अवसर पर शुभकामनाएँ दीं।

सोशल मीडिया पर छाया पर्व

ट्विटर (X), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #VishwakarmaPuja और #VishwakarmaJayanti जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। लोग तस्वीरें, पूजा की झलकियां और शुभकामना संदेश साझा कर रहे हैं।

श्रम और कौशल का उत्सव

विश्वकर्मा पूजा सिर्फ धार्मिक आस्था का पर्व नहीं बल्कि श्रम और कौशल को सम्मान देने का भी प्रतीक है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि निर्माण, तकनीक और मेहनत ही प्रगति के असली आधार हैं।