पश्चिम बंगाल में 58 लाख वोटरों के नाम कटने की आशंका, आज 5 राज्यों की ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी

पश्चिम बंगाल में 58 लाख वोटरों के नाम कटने की आशंका, आज 5 राज्यों की ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी
December 16, 2025 at 2:01 pm

चुनाव आयोग आज स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) के दूसरे चरण के तहत पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी करेगा. इस सूची में पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गोवा, पुडुचेरी और लक्षद्वीप शामिल हैं. सबसे बड़ा असर पश्चिम बंगाल में देखने को मिल सकता है, जहां करीब 58 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने की संभावना जताई जा रही है.

चुनाव आयोग के मुताबिक, लक्षद्वीप को छोड़कर बाकी सभी राज्यों में 7.5 से 8.5 प्रतिशत तक मतदाताओं के नाम कट सकते हैं, जबकि लक्षद्वीप में यह आंकड़ा करीब 2.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. पश्चिम बंगाल में मृत, स्थायी रूप से स्थानांतरित, पता न मिलने वाले और डुप्लिकेट पंजीकरण वाले मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक बताई जा रही है.

जिन मतदाताओं ने SIR फॉर्म में पूरी जानकारी नहीं भरी है, उन्हें भेजे जाने वाले नोटिस की संख्या 58 लाख से भी ज्यादा हो सकती है. खासतौर पर पिछले SIR से जुड़े लिंक की जानकारी न देने को सबसे बड़ी कमी माना जा रहा है. नए SIR नियमों के तहत गणना चरण में दस्तावेज जमा करने की अनिवार्यता हटाई गई थी, जिसके चलते बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) ने कई असंगतियां दर्ज की हैं.

राजस्थान और गोवा में भी बड़ी कटौती संभव

राजस्थान में कुल 5.46 करोड़ मतदाताओं में से करीब 7.5 से 8 प्रतिशत नाम हटाए जा सकते हैं. वहीं गोवा में 11.8 लाख मतदाताओं में से लगभग एक लाख नाम (8.5 प्रतिशत) कटने की संभावना है. लक्षद्वीप में कुल 57,813 मतदाताओं में से लगभग 2.5 प्रतिशत नाम हटाए जाएंगे.

अधिकारियों का कहना है कि मृत, डुप्लिकेट और स्थानांतरित मतदाताओं की बड़ी संख्या का कारण वर्ष 2010 में रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट में हुआ संशोधन है, जिसमें बिना उचित सत्यापन किसी प्रविष्टि को हटाने या संशोधित करने पर रोक लगाई गई थी. हालांकि सत्यापन की प्रक्रिया तय करने का प्रावधान था, लेकिन इसे कभी प्रभावी रूप से लागू नहीं किया गया.

ड्राफ्ट रोल जारी होने के बाद सभी जिलों के कलेक्टर राजनीतिक दलों के जिला स्तरीय पदाधिकारियों को मतदाता सूची की प्रिंट और सॉफ्ट कॉपी उपलब्ध कराएंगे. यह सूची जिला चुनाव अधिकारी की वेबसाइट पर भी अपलोड की जाएगी, ताकि मतदाता अपने नाम की जांच कर सकें और आवश्यक होने पर दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकें.

इसी बीच, SIR और मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई भी होने वाली है. देश के विभिन्न हिस्सों से दाखिल याचिकाओं में बड़े पैमाने पर नाम हटाए जाने और मतदाता सूची की शुद्धता पर सवाल उठाए गए हैं.