पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर विपक्षी मोर्चे में शामिल RJD के नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को ‘जीविका दीदियों’ के लिए एक बड़ा सामाजिक-कल्याण वादा किया है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो राज्य की हर उस महिला को जो — जीविका कार्यक्रम के तहत काम कर रही है – स्थायी सरकारी नौकरी, माहवार वेतन और सरकारी कर्मचारी-स्थिति मिलेगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि “सबको पता है कि इस सरकार के दौरान जीविका दीदियों के साथ अन्याय हुआ है” और आगे कहा कि उनकी सरकार बनने पर इन महिलाओं को “सरकारी कर्मचारी” की तरह मानद स्थिति मिलेगी और वेतन को 30,000 रुपए प्रतिमाह तक बढ़ाया जाएगा।
मुख्य घोषणाएँ
चुनावी रणनीति के हिस्से के रूप में
तेजस्वी यादव की यह घोषणा उस समय आई है जब बिहार की आगामी विधानसभा चुनाव 6 नवम्बर (पहले चरण) तथा 11 नवम्बर (दूसरे चरण) को निर्धारित हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बनने पर 20 महीनों के अंदर ऐसी व्यवस्था होगी कि “कोई भी परिवार ऐसा न हो जिसमें सरकार–नौकरी का सदस्य न हो”.
विश्लेषकों का मानना है कि यह घोषणा महिलाओं और ग्रामीण स्व-सहायता समूहों (SHG) में सक्रिय जीविका दिदियों को रिझाने की रणनीति का हिस्सा है – जो बिहार चुनाव में एक बड़ी वोट-श्रेणी बन सकती हैं।
राजनीतिक पटल पर विवाद और असर
तेजस्वी यादव ने वर्तमान सरकार पर आरोप लगाया कि महिला-कल्याण कार्यक्रमों के तहत जीविका दिदियों के साथ अन्याय हुआ है। वहीं, उनके इस वादे को विपक्षी दलों ने चुनावी टर्निंग-पॉइंट की दिशा में देखा है।
बहरहाल, यह देखना शेष है कि इस घोषणा का मत-परिणामों पर कितना असर पड़ता है और अन्य पार्टियों की प्रतिक्रिया क्या होगी।
निष्कर्ष
बिहार चुनाव 2025 के संदर्भ में यह घोषणा तेजस्वी यादव-RJD द्वारा घोषित कल्याणकारी घोषणाओं में से एक महत्वपूर्ण कदम है, विशेषकर महिलाओं और ग्रामीण स्व-सहायता समूहों को लक्ष्य करके। यदि इसे प्रभावी रूप से लागू किया गया, तो यह व्यापक सामाजिक-आर्थिक बदलाव ला सकता है।