रॉबर्ट प्रीवोस्ट बने रोमन कैथोलिक के नए पोप, पोप फ्रांसिस की मृत्यु के बाद चुने गए; अमेरिका से है यह खास नाता।

रॉबर्ट प्रीवोस्ट बने रोमन कैथोलिक के नए पोप, पोप फ्रांसिस की मृत्यु के बाद चुने गए; अमेरिका से है यह खास नाता।

Roman Catholic Church’s New Pope: 21 अप्रैल 2025 को पोप फ्रांसिस की मृत्यु के बाद रॉबर्ट प्रीवोस्ट के रूप में दुनिया को नया पोप मिल गया है। यह रोमन कैथोलिक के इतिहास में पहली बार है कि किसी अमेरिकी कार्डिनल को पोप चुना गया है। रॉबर्ट प्रीवोस्ट को अब पोप लियो XIV के नाम से जाना जाएगा। पोप चुने जाने के बाद पोप लियो XIV ने पहली प्रतिक्रिया देते हुए शांति की अपील की। उन्होंने कहा कि ‘शांति आपके साथ हो’।

रॉबर्ट प्रीवोस्ट का परिचय

69 वर्षीय रॉबर्ट प्रीवोस्ट अमेरिकी कार्डिनल हैं। शिकागो में जन्मे कार्डिनल प्रीवोस्ट में निश्चित रूप से इस भूमिका के लिए आवश्यक कई गुण हैं। दो साल पहले पोप फ्रांसिस ने प्रीवोस्ट को मार्क ओउलेट की जगह वेटिकन के बिशपों के लिए डिकास्टरी का प्रीफेक्ट चुनकर उन्हें अगली पीढ़ी के बिशपों को चुनने का काम सौंपा था। उन्होंने पेरू में आर्कबिशप बनने से पहले कई साल तक एक मिशनरी के तौर पर काम किया। प्रीवोस्ट को उन्हें एक सुधारक के रूप में देखा जाता है, लेकिन 69 की उम्र में उन्हें पोप के पद के लिए बहुत कम उम्र का माना जा सकता है। पेरू में आर्कबिशप के रूप में उनका कार्यकाल यौन शोषण के दावों को छिपाने के आरोपों से भी घिरा रहा।

पोप का चुनाव कैसे होता है?

पोप चुनने की प्रक्रिया में 133 कार्डिनल्स वोट डालते हैं। विजयी होने के लिए कम से कम 89 वोट मिलना जरूरी होता है। जैसे ही रोमन कैथोलिक चर्च के सिस्टिन चैपल पर स्थित चिमनी से सफेद धुंआ निकलता देखा गया वैसे ही यह सुनिश्चित हो गया कि कैथोलिक चर्च का नेतृत्व करने के लिए पोप का चुनाव हो चुका है। साथ ही चिमनी से सफेद धुआं निकलने की मतलब यह भी है कि विजेता को पोप फ्रांसिस के उत्तराधिकारी के चुनाव के लिए आयोजित कॉन्क्लेव में भाग लेने वाले 133 कार्डिनल्स में से कम से कम 89 वोट मिले हैं।

सेंट पीटर्स स्क्वायर में जमा भीड़ ने मनाया जश्न

जैसे ही कैथोलिक चर्च के सिस्टिन चैपल पर स्थित चिमनी से सफेद धुंआ बाहर आया वैसे ही सेंट पीटर्स स्क्वायर में जमा भीड़ खुशी से झूम उठी और लोगों ने जयकारे लगाए। हाल ही नए पोप का नाम सार्वजनिक नहीं किया जाता है। सेंट पीटर्स बैसिलिका की बालकनी (लॉजिया) से एक वरिष्ठ कार्डिनल “हाबेमुस पापम!” (Habemus Papam!) कहकर यह घोषणा करेंगे, जिसका मतलब है – “हमारे पास नया पोप है!” कार्डिनल विजेता का जन्म नाम लैटिन में पढ़ते हैं। इसके बाद, नए पोप अपनी पहली सार्वजनिक उपस्थिति देंगे और उसी लॉजिया से लोगों को आशीर्वाद देंगे।

21 अप्रैल को हुआ पोप फ्रांसिस का निधन

पोप फ्रांसिस का निधन 21 अप्रैल, 2025 को 88 वर्ष की आयु में हुआ, जिसके बाद चर्च के लिए नए पोप के चयन की प्रक्रिया शुरू हुई। पोप की मृत्यु के साथ ही सदियों पुरानी रस्म के अनुसार, कार्डिनल कॉलेज की ओर से उत्तराधिकारी का चुनाव करने के लिए पवित्र शपथ लेना, मतपत्रों की गिनती के बाद उन्हें सुई और धागे से छेदना और फिर जलाकर सफेद या काला धुआं निकालना शामिल है। चिमनी से सफेद धुआं निकलने का अर्थ है कि नए पोप का चुनाव हो चुका है।